माइक्रोमैक्स में मशीनों आदि की शिफ्टिंग पर नैनीताल हाईकोर्ट ने लगाई रोक

हाई कोर्ट ने पूर्व में प्रमुख सचिव को दिए गए निर्देश के विपरीत आचरण पर शासन को लगाई फटकार

नैनीताल (उत्तराखंड)। भगवती प्रोडक्ट्स (माइक्रोमैक्स) प्रबन्धन द्वारा 303 श्रमिकों की गैरकानूनी छँटनी और राज्य से पलायन के खिलाफ नैनीताल उच्च न्यायालय ने श्रमिकों के पक्ष में फैसला देते हुए कंपनी से किसी भी प्रकार की मशीनरी व मैटेरियल की शिफ्टिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

ज्ञात हो कि 27 दिसंबर 2018 को कंपनी ने 303 श्रमिकों की गैरकानूनी छँटनी कर दी थी। इसके खिलाफ 7 महीने से मजदूरों का संघर्ष जारी है। शासन-प्रशासन सरकार श्रम विभाग सभी मालिकों के पक्ष में खड़े रहे। इसके खिलाफ मजदूरों ने जमीनी संघर्ष के साथ नैनीताल उच्च न्यायालय में वाद दायर किया था। जिसमें उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड के प्रमुख सचिव श्रम को आपातकालीन स्थिति के मद्देनजर 40 दिन में मामले के निस्तारण का निर्देश दिया था। लेकिन प्रमुख सचिव श्रम ने मालिकों के पक्ष में उसे निस्तारित कर दिया और कहा कि ऐसी कोई आपातकालीन स्थिति नहीं है।

इस बीच प्रबंधन प्रशासन के नाक के नीचे कंपनी से मशीनें व मैटेरियल आदि लगातार राज्य से बाहर भिवाड़ी (राजस्थान) व हैदराबाद (तेलंगाना) शिफ्ट करता रहा। यही नहीं, उसने कंपनी के बचे 54 श्रमिकों में से 47 श्रमिकों को गैर कानूनी लेआफ देकर बाहर कर दिया। यूनियन अध्यक्ष की भी ग़ैरकानूनी गेटबन्दी कर दी थी।

इसी के खिलाफ भगवती श्रमिक संगठन ने आंदोलनात्मक गतिविधि को तेज करने के साथ दोबारा उच्च न्यायालय में रिट दायर की। जिसकी सुनवाई और वरिष्ठ अधिवक्ता एम सी पंत की जबरदस्त पैरवी के बाद 30 जुलाई 2019 को उच्च न्यायालय के जज सुधांशु धुलिया की एकल पीठ ने तत्काल प्रभाव से मशीनों की शिफ्टिंग आदि पर रोक लगाने का आदेश दिया। साथ ही प्रमुख सचिव को फटकार लगाते हुए जवाब तलब किया है। इसी के साथ औद्योगिक न्यायाधिकरण को भी जल्दी सुनवाई का निर्देश दिया है।

इस आदेश के बाद मजदूरों में एक बार फिर उत्साह का संचार हुआ। पुलिस प्रशासन द्वारा कई बार मजदूरों को गेट से हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन मजदूर अभी भी गेट पर डटे हुए हैं। इस बीच मज़दूरों का धरना 225 वें दिन तथा क्रमिक अनशन 47वें दिन से लगातार जारी है। मजदूर नए तेवर के साथ अपने संघर्ष को और व्यापक बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

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